असम के डिब्रूगढ़ जिले से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम यानी कि AFSPA को हटा लिया गया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम हिमंता ने बताया है कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से डिब्रूगढ़ से अशांत क्षेत्र का टैग हटाने का अनुरोध किया था. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अब राज्य में केवल 3 जिलों में ही सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) लागू है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अफस्पा अब तिनसुकिया, शिवसागर और चराईदेव जिलों में लागू रहेगा. अफस्पा को राज्य के 32 जिलों से हटा लिया गया है और हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही शेष तीन जिलों से भी हटा लिया जाएगा.
क्या है AFSPA?
AFSPA कानून को केंद्र सरकार की ओर से देश के किसी अशांत क्षेत्र में लागू किया जाता है. ये कानून सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने करने और बिना किसी वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है.
आसान भाषा में समझें तो AFSPA एक ऐसा कानून है, जिसे भारत सरकार ने उन इलाकों में लागू किया है, जहां उग्रवाद, आतंकी गतिविधियां या सांप्रदायिक हिंसा की स्थिति बनी रहती है. AFSPA के तहत सेना को गिरफ्तारी का अधिकार,गोलियां चलाने का अधिकार,स्थायी तलाशी और जब्ती का अधिकार,सैन्य क्षेत्र में कानून का पालन,सैन्य कार्रवाई में छूट मिलती है.
असम में क्यों लागू हुआ?
1990 के दौरान असम में उल्फा की तरफ से हिंसा की गई थी. इसके बाद 27-28 नवंबर 1990 की मध्य रात्रि को राज्य को अफस्पा के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया था. तब से राज्य सरकार की सिफारिश पर इसे हर छह महीने पर बढ़ाया जाता रहा है. 2021 में सरमा के पदभार संभालने के बाद से अफस्पा को धीरे-धीरे वापस लिया जा रहा है.